दोहा :- अगर गुजरे तू राह से मेरी, कही बाद में फिर जाना। सबसे पहले इस लक्खा की कुटिया में माँ आ जाना॥ फुर्सत मिले तो एक बार माँ, फुर्सत मिले तो एक बार माँ। आजा नैन निहारे तेरी राह माँ, फुरसत मिले तो एक बार॥ सब जानती हो क्या चाहता हूँ, मैं कहना सकूंगा।
फागुन का महीना केसरिया रंग घोल होली खेले राधा संग नटवर नन्द किशोर ….2 ओढ़ के आयी कान्हा नयी रे चुनरिया पिचकारी भर मेरे मारो न सावरिया पिचकारी मारी कर दीन्ही सर दर होली खेले राधा संग नटवर नन्द किशोर ….2 फागुन का महीना केसरिया रंग घोल होली खेले राधा संग नटवर नन्द किशोर ….2
जिसके हृदय में राम नाम बंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। लेकर सिर्फ राम नाम का सहारा, इस दुनिया को करके किनारा, राम जी की रजा में जो रजामंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। जिसके हृदय में राम नाम बंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। बुरी
छायें गम के अँधेरे भी हो, मेरी कश्ती भंवर में भी हो, मेरी मंजिल मेरा श्याम है, श्याम प्रेमी को विश्वास है, हर कदम पे मेरे साथ है, श्याम प्रेमी को विश्वास है, छाए गम के अँधेरे भी हो, मेरी कश्ती भंवर में भी हो। सारी दुनिया ने धोंखे दिए, श्याम तुमने ये जीवन दिया,
रखी चरना दे कोल माएं नी मेरा होर ना कोई, बोल दे मिठड़े बोल माएं नी मेरा हो ना कोई, रखी चरना दे कोल… दर दर फिरियाँ सहारा नहियो मिलिया, जिन्दगी दी बेडी नु किनारा नहियो मिलिया, हो गया डावाडोल माएं नी मेरा होर न कोई। रखी चरना दे कोल… इक वारि जो भी तेरे
निकल न जाए हाथ से तेरे मौका ये अनमोल जय माता दी बोल बंदे जय माता दी बोल आके देख ले सजा दरबार अम्बे रानी का सुख वरदानी का जग कल्याणी का देती छप्पर फाड़ के मैया झोली ले तू खोल जय माता दी बोल बंदे जय माता दी बोल कौन जाने कब नसीबा बदल
होकर लीले पे सवार, हो… आजा सांवरिया सरकार थारी ज्योति जगाई जी, जगाई ओ थारी ज्योत जगाई जी होके लीले पर सवार….. घणा दिन सु आश लग रही, मन में चाव हे भारी, आंगनिये पधारो बाबा, बाट उडीका थारी, थारे आया बणसी बात, आकर रख दो सर पर हाथ, थारी ज्योत जगायीजी …… दुःख सुख
शनि मंदिर चलो रे आज शनिवार है (शनि मंदिर चलो रे आज शनिवार है) शनि मंदिर चलो रे आज शनिवार है (शनि मंदिर चलो रे आज शनिवार है) शनि मंदिर चलो रे आज शनिवार है (शनि मंदिर चलो रे आज शनिवार है) शनि मंदिर चलो, शनि मंदिर चलो। शाम वर्ण शनि चक्र भुजी है अस्त्र-शस्त्र