अंजनी कुमार थारी महिमा अपार हैं, मेरी बिगड़ी बनाने वाले तेरा सर्जन हार हैं। शिव शंकर के अवतारी और पवन पुत्र बलकारी, थे बाल ज़ती ब्रह्मचारी तेरा हाई आधार है। श्री लाल लंगोटे वाला थारी भक्त फेरता मला, थे सबका हो प्रतिपाला भक्तों से प्यार है। मैं द्वारे तुम्हारे आया और घृत सिंदूर चड़ाया, गल
हाथ जोड़ कर मांगता हूं, ऐसा हो जन्म, तेरे नाम से शुरू, तेरे नाम पे खत्म।। तेरे चलते बनी मेरी पहचान सावरे, वरना गली गली में घूमते, हो हो.. ओ, वरना गली गली में घूमते, हम बनके बावरे अब उठेगा तेरी राहो में जो, मेरा हर कदम, तेरे नाम से शुरू………।। जाने अनजाने में ऐसा
बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है, ये केहता कृष्ण मुरारी है, राधा संग सखियाँ सारी है होली में उड़े रंग भारी है, कोई गोई कोई काली है ये कहता कृष्ण मुरारी है, राधा वहा बड़ी न्यारी है, बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है, बीगी अंगियां बीगी साडी मारेगा न जब पिचकारी,
हनुमान सालासर के, महावीर सालासर के आयो मैं शरण में तेरी। सियाराम के कारज सारे, लंका में आप पधारे। सीताका शोक निवारे, तन गोद मुद्रिका डारी।। हनुमान सालासर के… तूने अक्षय कँवर को मारा, फिर बाग़ जाय उजड़ा। फीर फीर(हर तरफ़ जाके)के लंका ज़ारा, घर विभीषण का उबारा।। हनुमान सालासर के… लक्ष्मण जी को मुर्छा
सुनियो थे हमरी पुकार ओ श्री बजरंग बाला, वीर हो अंजनी के लाल वीर हो सालासर वाला। शीश मुकुट भाल तिलक विराजे थारे, कानों में कुण्डल विशाल।। सुनियो थे हमरी पुकार…. काँधे जनेऊ सुंदर हार गल पुष्पन का सोहे, और जड़ाऊ मोतियन माल।। सुनियो थे हमरी पुकार…. विजय पताका घोटा हाथ में लिया हो भारी,
श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा। जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।। हाआ क्या सागर का गर्व करे ज्यान, कर ज्याऊँ फंका। भला हो रामा। कर ज्याऊँ फंका। म्हारे धणी का हुकम नहीं थारी, ले ज्यातो लंका।। ऐजी श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा। जहाँ आप खड़े महाराज,