सुख भी मुझे प्यारे हैं, दुःख भी मुझे प्यारे हैं, छोडूं मैं किसे भगवान् दोनों ही तुम्हारे हैं। सुख दुख ही तो दुनियाँ की गाड़ी को चलाते हैं, सुख दुख ही तो हमको इन्सान बनाते हैं। संसार की नदियों के दोनों ही किनारे हैं। सुख भी मुझे प्यारे हैं, दुःख भी मुझे प्यारे हैं॥ दुख
ये मंजिल आख़िरी है, कब्र ही तेरा ठिकाना है, ये रिश्ते तोड़ने हैं, और ये दुनियाँ छोड़ जाना है, जिंदगी उसकी अमानत है, सभी को एक ना दिन, मौत का कर्जा चुकाना है। तू लाख इफाजत कर ले, तू लाख़ करे रखवाली, उड़ जायेगा एक दिन पंछी, रहेगा पिंजरा खाली। ना कोई अंजुमन होगी, ना
खाटू के बाबा श्याम जी, मेरी रखोगे लाज, रखोगे लाज मेरी, रखोगे लाज मेरी, मीरा के घनश्याम जी, मेरी रखोगे लाज।। एक भरोसो थारो है, तू ही पत राखनहारो है। छोटो सो मेरो काम जी, मेरी रखोगे लाज, खाटु के बाबा… टेर सुनो सांवल सा मेरी, धीर बंधाओ करो ना देरी। दुःख हर्ता थारो नाम
सा-रा-रा होलिका जले, शत्रु राख में मिले हमने जब जब समशिरे, तानी है माय भवानी सन-न-न आंधियां उठे, शत्रु जड़ से मिटे हमने बात यही मन में, ठानी है माय ऐ भवानी हम सब मर्द मेवाड़े, बड़े ख़ुदार हैं अब हर एक दिन स्वराज का, त्योहार है अब ये शीश ना झुके। तेरी लाज हम
तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो, हम को भी तारो श्याम, हम को भी तारो, तारा हैं सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो। हम ने सुना है श्याम, मीरा को तारा, वीणा का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो, तारा हैं सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो। हमने
जिसकी ऊँगली पे चलता ये संसार है वो खाटू वाला श्याम धणी मेरा यार है जिसकी ऊँगली पे चलता ये संसार है वो खाटू वाला श्याम धणी मेरा यार है खाटू में लगा कर बैठा जो दरबार है मेरा यार है वो मेरा यार है जिसकी ऊँगली पे चलता ये संसार है वो खाटू वाला
गुरुदेव सहारा बन जाओ… प्रभु राम कहो, घनश्याम कहो, मेरे श्याम सहारा बन जाओ, गुरुदेव सहारा बन जाओ। घट भीतर घोर अंधेरा है, गुरुदेव उजाला बन जाओ गुरुदेव सहारा बन जाओ। जय जय जय जय जय गुरुदेवा, गुरुदेव सहारा बन जाओ। भवसागर नैया डूब रही, गुरुदेव किनारा बन जाओ, गुरुदेव सहारा बन जाओ। दिन बीत
मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान। अंजनी माँ का राज दुलारा, पवन पिता का पुत्र प्यारा, म्हारा से भगवान। मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान लाल लंगोटा हाथ में सोटा, यो मोटा से साहूकार। मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान मंगल का दिन शुभ का हो
शम्भू की पियारी, गिरिराज की दुलारी, गिरिजग गबग गबग गबग गरुड़ गौर वाली, तू घंटा घहराहके घुमाके कूद घंटावाली, करत निहाल खुशहाल फड़ वाली तू, दमक दमक दामिनी सी, चमक चला के चंडी, डपट के दरिद्रमार दौड़-दौड़ आली तू, शान वाली शूल वाली त्रिशूल वाली खड़ग वाली, काली तू मां.. काली तू मां.. काली.. भवानी..दयानी..भवानी..दयानी..