Author: Mohit Kumar

साई के चरणों को छूकर, पवन सुहानी आई हैVerified Lyrics 

साई के चरणों को छूकर, पवन सुहानी आई है, लगता शिरडी से मेरा संदेसा वो लाई है, बुलावा आया है, साईं ने बुलाया है। इस माटी के कण कण में मेरे साईं राम बसे हैं, उस शिरडी के दर्शन को कब से, ये नैना तरसे हैं, साईं नाम की कब से मैंने, मन में जोत

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगारVerified 

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नजर तोहे लग जाएगी। तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका। प्यारा लागे तेरा पीला पटका। तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नजर तोहे लग जाएगी॥ मेरे बांके बिहारी लाल… तेरी मुरलिया पे मन मेरा अटका। प्यारा लागे तेरा नीला पटका। तेरे गुंगार वाले

मैं कहाँ बिठाऊ राम कुटिया छोटीVerfied Lyrics 

मैं कहाँ बिठाऊ राम कुटिया छोटी छोटी सी, छोटी छोटी सी हाँ छोटी छोटी सी, मैं कहाँ बिठाऊ राम कुटिया छोटी छोटी सी, छोटी सी छोटी सी कुटिया मेरी छोटी सी। गंगा से मैं जल ले आऊ, जल से तुम्हारे चरण धुलाऊ, तुम चरण धुलालो राम कुटिया छोटी सी, मैं कहाँ बिठाऊ राम कुटिया छोटी

अंजनी का लाला बड़ा मतवालाVerified Lyrics 

अंजनी का लाला बड़ा मतवाला, हवा में उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा॥ एक दिन देखा मैंने अवधपुरी में, अवधपुरी में रामा अवधपुरी में, राम की लगन लगायी रे मेरा राम दुलारा, हवा में उड़ता जाये मेरा राम दुलारा॥ एक दिन देखा मैंने सुमिरो पर्वत पे, सुमिरो पर्वत पे रामा सुमिरो पर्वत पे, संजीवन बूटी

बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलानाVerified Lyrics 

बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना, प्रेम से बुलाना, प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना, बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना, प्रेम से बुलाना, प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना, बुलावो जो तुम प्रभु को… पासे में दुर्योधन, जब पांडव को हराया था, और भरी सभा में

शिवजी मैं ना होती तोVerified Lyrics 

शिवजी मैं ना होती तो, थाने कुण ब्यावती जी, (थाने कुण ब्यावती जी) थाने कुण ब्यावती जी-२ थाने याद न माखन खाबो, थे तो भांग धतूरा चाबो, थाके तन पर नही कोई गाबो, थाके लारे आयोड़ी लुगाई काई खावती जी। शिवजी मैं ना होती तो, थाने कुण ब्यावती जी, (थाने कुण ब्यावती जी) थाने कुण

बालाजी यो होया रोग पुराना होVerified Lyrics 

बालाजी यो होया रोग पुराना हो, मेहंदीपुर ने छोड़ दियां आज सोनीपत राणा हो। तेरी बेटी पे संकट आया, अरे रखो जाके कुन बांस आया, ऊपर से दुःख न्यारा छूट गया पीना खाना, बालाजी यो होया रोग पुराना हो। कड़े लाडू काढ़े बर्फी ख्वाउ, लाया लाया थक गया पति कमाऊ, और के बाबा तने बताओ

उतरे मुझ में आदियोगीVerified Lyrics 

आदियोगी, दूर उस आकाश की गहराइयों में, इक नदी से बह रहे हैं आदियोगी, शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं, मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी, योग के इस स्पर्श से अब, योगमय करना है तन मन, सांस शाश्वत सनन सननन, प्राण गुंजन घनन घननन, उतरे मुझ में आदियोगी, योग धारा छलक छनछन, सांस

वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है,

वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है, कोई और नहीं खाटू वाला श्याम है, जिसकी रेहमत से होता हर इक काम है, मेरा श्याम है मेरा श्याम है, वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है, हर चाहत पूरी करे दिल की आवाज को सुन कर, फूलो की सहज सजा दी राहो

जी चाहे बार बार तुम्हे देखता रहूँVerified Lyrics 

जी चाहे बार बार तुम्हे देखता रहूँ, ऐ हुस्न के सरकार तुम्हे देखता रहूँ, जी चाहे बार बार तुम्हे देखता रहूँ। आँखों के रास्ते तुम्हे दिल में उतार के, आँखों के रास्ते तुम्हे, दिल में उतार के, हरपल ऐ बांके यार तुम्हे देखता रहूँ, ऐ हुस्न के सरकार, तुम्हे देखता रहूँ, जी चाहे बार बार