बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया…Verified Lyrics 

Brindavan Ka Krishan Kanheya....

बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया,
सब की आँखो का तारा -2

मन ही मन क्यो जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
मन ही मन क्यो जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया,
सब की आँखो का तारा -2
जमना तट पर नंद का लाला,
जब जब रास रचाए रे -2

तन मन डोले कान्हा
ऐसी बंसी मधुर बजाए रे
सुध-बुध भूली खड़ी गोपिया
जाने कैसा जादू डारा
बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया,
सब की आँखो का तारा….
रंग सलोना ऐसा जैसे
छाई हो घट सावन की -2

ऐ रे मैं तो हुई दीवानी
मनमोहन मन भावन की
तेरे कारण देख सावरे
छोड़ दिया मैं ने जाग सारा
बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया,
सब की आँखो का तारा…..

मन ही मन क्यो जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया,
सब की आँखो का तारा…..

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