भरोसे थारे चाले ओ, बजरंग म्हारी नाव।

Bhrose Thare Chale O, Bajrang Mhari Naav

टेर : भरोसे थारे चाले ओ, बजरंग म्हारी नाव।

गहरी गहरी नदिया नाव पुरानी, दीखे नहीं किनारों।
चारो पासे ढूंढ फिरयो पर मिल्यो ना कोई सहारो।
या तो डगमग डगमग हाले ओ बजरंग म्हारी नाव
भरोसे थारे चाले… ।।1।।

करके दया वेग तुम आवो बल्ली आन लगावो।
म्हारी या डूबतडी नैया तुरंत ही पार लगावो।
म्हारी विपदा क्यूँ ना टाले ओ, बजरंगी म्हारी नाव
भरोसे थारे चाले… ।।2।।

थारी साख सुनी बालाजी, नैया पार लगावो।
थारा भक्त डूबे अधबीच में, कैंया देर लगावो।
थाने कुण आन्ता न पाले ओ, बजरंग म्हारी नाव
भरोसे थारे चाले… ।।3।।

थारो सहारो जो मैं पाऊँ, चिंता न दुनिया की।
म्हे था गुणगान करां थे लगावो म्हां की।
थाने दास ‘चिरंजी’ झाले ओ बजरंग म्हारी नाव
भरोसे थारे चाले… ।।4।।

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