बाला मैं तो दीवाना तेरा। तेरा दरबार है घर मेरा।।

Bala Me To Diwana Tera, Tera Darwar Hai Ghar Mera

बाला मैं तो दीवाना तेरा।
तेरा दरबार है घर मेरा।।
साडी दुनिया ये कुछ भी कहे।
छोड़ू दर न कभी ये तेरा।।
आया मैं दर पे जब पहली बार, देखा जग से नया चमत्कार।
जग ने मुझे डराया, मगर खींच लाया तेरा प्यार।
संकटो ने मुझे है घेरा।।1।।
तेरे दरबार कि क्या कहूं, दिल करता है के दर पर रहूं।
तेरा दरवार मन भा गया, पाया जो कुछ कह न सकूँ।
सरे जग में कोई न मेरा।।2।।
आया जो तेरे दरवार में, खली लोटा कभी वो नहीं।
साडी दुनियां में भटका मगर, पाया तुझसा कोई नहीं।
अब न छोडूंगा दर ये तेरा।।3।।
आशा लेकर आया हूँ, आशा पुरोगे तब जाऊगा।
आज तुमने सुनाई न की, दर पर रो रो मर जाऊगा।
ये चिरंजी तेरा चेरा।।4।।

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