संकट ने घेरा है आज तेरा राम पुकारे रे

Sankat Ne Ghera Hai Aaj Tera Raam Pukare Re.

संकट ने घेरा है,
आज तेरा राम पुकारे रे,
आजा मेरे हनुमान,
भाई की मूरछा को तोड़के,
प्राण बचा ले रे,
आजा मेरे हनुमान।।

◾️पापी ने धोखे से,
शक्ति को दे मारा,
मूर्छित पड़ा देखो,
कैसे लखन प्यारा,
अब आँख में आंसू लिए,
तेरा राम पुकारे रे,
आजा मेरे हनुमान,
भाई की मूरछा को तोड़के,
प्राण बचा ले रे,
आजा मेरे हनुमान।।

◾️माता को जाकर के,
मैं क्या बताऊंगा,
दुनिया को अब कैसे,
दुखड़ा सुनाऊंगा,
मेरी लाज तू आकर बचा,
तेरा राम पुकारे रे,
आजा मेरे हनुमान,
भाई की मूरछा को तोड़के,
प्राण बचा ले रे,
आजा मेरे हनुमान।।

◾️सूरज के उगने से,
पहले चले आना,
वरना मुझे भी तू,
जिन्दा नहीं पाना,
भाई का गम कैसे सहु,
तेरा राम पुकारे रे,
आजा मेरे हनुमान,
भाई की मूरछा को तोड़के,
प्राण बचा ले रे,
आजा मेरे हनुमान।।

◾️तेरे राम को जब भी,
दुखड़ों ने घेरा है,
आकर के तूने ही,
गम से उबारा है,
अब ‘हर्ष’ क्यूँ देरी करे,
तेरा राम पुकारे रे,
तेरा राम पुकारे रे,
आजा मेरे हनुमान,
भाई की मूरछा को तोड़के,
प्राण बचा ले रे,
आजा मेरे हनुमान।।

◾️संकट ने घेरा है,
आज तेरा राम पुकारे रे,
आजा मेरे हनुमान,
भाई की मूरछा को तोड़के,
प्राण बचा ले रे,
आजा मेरे हनुमान।।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *