रामामृत पद पावन वाणी, राम-नाम धुन सुधा सामानी

Ramamrt Pad Paavan Waani, Ram-Naam Dhun Sudha Saamaani

रामामृत पद पावन वाणी, राम-नाम धुन सुधा सामानी
पावन-पाथ राम-गन-ग्राम, राम-राम जप राम ही राम … 1
परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति-स्वरूप राम भगवान।
परमानंद, सर्वशक्तिमान राम परम है राम महान … 2
अमृत ​​वाणी नाम उच्चाहरान, राम-राम सुख सिद्धिकारण
अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम-राम मुद-मंगल -धाम। … 3
अमृतरूप राम-गुण गान, अमृत-कथन राम व्याख्यान
अमृत-वचन राम की चर्चा, सुधा सम गीत राम की अर्चा … 4
अमृत ​​मनन राम का जाप, राम राम प्रभु राम अलाप
अमृत ​​चिंतन राम का ध्यान, राम शब्द में सूचि समाधन… 5

◾️ अमृत ​​रसना वही कहवा, राम-राम, जहां नाम सुहावे
अमृत ​​कर्म नाम कमानी, राम-राम परम सुखदायी … 6
अमृत ​​राम-नाम जो ही ध्यावे, अमृत पद सो ही जन पावे
राम-नाम अमृत-रास सार, देता परम आनन्द अपार … 7
राम-राम जप हे माणा, अमृत वाणी मान
राम-नाम मे राम को, सदा विराजित जान … 8
राम-नाम मद-मंगलकारी, विध्ण हरे सब पातक हारी.
राम नाम शुभ-शकुण महान, स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण … 9
राम-राम श्री राम-विचार, मानी उत्तम मंगलाचार.
राम-राम मन मुख से गाना, मानो मधुर मनोरथ पाना … 10

◾️ राम-नाम जो जन मन लावे, उसमे शुभ सभी बस जावे .
जहां हो राम-नाम धुन-नाद, भागे वहा से विषम विषाद … 11
राम-नाम मन-तप्त बुझावे, सुधा रस सीच शांति ले आवे
राम-राम जपिये कर भाव, सुविधा सुविध बने बनाव . … 12
राम-नाम सिमरो सदा, अतिशय मंगल मूल.
विषम विकट संकट हरन, कारक सब अनुकूल … 13
जपना राम-राम है सुकृत, राम-नाम है नाशक दुष्कृत .
सिमरे राम-राम ही जो जन, उसका हो शुचित्र तन-मन … 14
जिसमे राम -नाम शुभ जागे, उस के पाप -ताप सब भागे.
मन से राम -नाम जो उच्चारे, उस के भागे भ्रम भय सारे। … 15
जिस मन बस जाए राम सुनाम, होवे वह जन पूर्णकाम.
चित में राम-राम जो सिमरे, निश्चय भव सागर से तारे. … 16
राम-सिमरन होव साहै, राम-सिमरन है सुखदायी.
राम सिमरन सब से ऊंचा,राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा … 17
राम-राम हे सिमर मन, राम-राम श्री राम.
राम-राम श्री राम-भज, राम-राम हरि-नाम … 18
मात पिता बांधव सूत दारा, धन जन साजन सखा प्यारा .

◾️ अंत काल दे सके ना सहारा, राम -नाम तेरा तारण हारा … 19
सिमरन राम-नाम है संगी,सखा स्नेही सुहिर्द शुभ अंगी.
यूग-यूग का है राम सहेला,राम-भगत नहीं रहे अकेला … 20
निर्जन वन विपद हो घोर,निबर्ध निशा तम सब ओर .
जोत जब राम नाम की जागे, संकट सर्व सहज से भागे ..21
बाधा बड़ी विषम जब आवे, वैर विरोध विघ्न बढ़ जावे .
राम नाम जपिये सुख दाता, सच्चा साथी जो हितकर त्राता ….22.
मन जब धैर्य को नहीं पावे, कुचिन्ता चित्त को चूर बनावे
राम नाम जपे चिंता चूरक, चिंतामणि चित्त चिंतन पूरक …..23.
शोक सागर हो उमड़ा आता, अति दुःख में मन घबराता .
भजिये राम -राम बहु बार, जन का करता बेड़ा पार . …24.
करधी घरद्धि कठिनतर काल, कष्ट कठोर हो क्लेश कराल
राम -राम जपिये प्रतिपाल, सुख दाता प्रभु दीनदयाल ….25

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