प्रगटे हैं चारों भैया में, अवध में बाजे बधईया

Pragate Hain Chaaron Bhaiya Mein, Avadh Mein Baaje Badheeya

प्रगटे हैं चारों भैया में, अवध में बाजे बधईया।
जगमगा जगमग दियाला जलत है,
झिलमिल होत अटरिया, अवध में बाजे बधईया॥

◾️ कौन लुटावे हीरा मोती,
कौन लुटावे रूपया, अवध में बाजे बधईया॥

◾️ राजा लुटावे हीरा मोती,
मैया लुटावे रूपया, अवध में बाजे बधईया॥

◾️ झांझ मृदंग ताल डप बाजे,
नाचत ता ता थैया, अवध में बाजे बधईया॥

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