क्या लेकर तूं आया जगत में, क्या लेकर तूं जावेगा✓ Lyrics Verified 

Kya Lekar Tu Aaya Jagat Me Kya Tu Javega

टेर : क्या लेकर तूं आया जगत में, क्या लेकर तूं जावेगा
सोच समझ ले रे मन मुर्ख, आखिर में पछतावेगा

भाई बन्धु और मित्र प्यारे, मर्घट तक संग जायेगे
सवार्थ के दो आंसू देकर, लौट लौट घर आवेगे
कोई न तेरे साथ चलेगा, एक अकेला जावेगा

क्यों जग में अभिमान करे तूँ और कहे घर मेरा है,
ये तेरी जागीर नहीं है, जोगी वाला डेरा है,
दान करो हरी नाम सुमर ले, वो तेरे संग जावेगा

राज रंक पुजारी पंडित सबको एक दिन जाना है
आँख खोल कर देख बावले जगत मुसाफिर रवाना है
किसके लिए धन जोड़ रहा है कौन इसे ले जावेगा

अन्नक्षेत्र श्री राम मदिर में दीन दुखी की सेवा है
दया दान ही सच्चा सुख है बिना गुठली का मेवा है
राम नाम का सुमिरण कर ले कभी नहीं पछतावेगा

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