बम भोले, यही वो तंत्र है, यही वो मन्त्र है

Bam Bhole, Yahi Wo Tantra Hai, Yahi Wo Mantra Hai.

बम भोले, बम भोले, बम बम बम
यही वो तंत्र है, यही वो मन्त्र है
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम – बम भोले….

कभी योगी कभी भोगी, कभी बाल ब्रह्मचारी
कभी आदि देव, महादेव, त्रिपुरारी
कभी शंकर, कभी शम्भू , कभी भोले भंडारी
नाम अनंत तोरे जग बिलहारी
शिव का नाम लो, सुबह शाम लो
जपते रहो जब तक दम में है दम – बम भोले….

दक्ष प्रजापति जब हुंकार, त्रिशूल से शीश उतारा
माफ़ी मांगी होश में आओ, बकरे का जब शीश लगायो
आशुतोष भोले बाबा भये प्रसन्न – बम भोले….

कला तित कल्याण कल्पान्त कारी
सदा सज्ज्नानंद दाता पुरारी
चिदानंद संदोह मोहा पहारी
चिदानंद प्रसीद प्रभो मन्महारी
ध्यान लगाई के ज्योत जलाई के
शिव को पुकारते, चलो जी हर दम – बम भोले…

खेल रही है जटा मैं गंगा
बाजे डमरू पिकर भंगा
वस्र खाल बाघम्बर अंगा
मेरो भोला मस्त मलंगा
‘गुरुदास’ मांगे तेरी नजरें कर्म – बम भोले….

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