गले में सर्पों की माला तन में बाघम्बर छाला।

Gale Main Sarpon Ki Mala Tan Mein Baghambar Chhala.

गले में सर्पो की माला,
तन में बाघम्बर छाला,
देवो में देव महान,
बैठे लगा के बाबा ध्यान,
डम डम डमरू बाजे,
हाथो में त्रिशूल साजे,
पिए भोला भंग तान,
करते है जग का कल्याण॥

◾️प्राणी जो जग से हारे,
आते है इनके द्वारे,
मिलता है पावन दर्शन,
होते है वारे न्यारे,
बम बम की गूंज होती,
लगते बम के जयकारे,
सृष्टि के मालिक है ये,
भक्तो के पालक है ये,
सबसे ऊँची है इनकी शान,
करते है बाबा कल्याण॥

◾️गंगाजल करके अर्पण,
पाता जो शिव का दर्शन,
बिगड़ी किस्मत बन जाती,
करते है किरपा भगवन,
जो भी है इनको ध्याता,
खुशियो से भरता जीवन,
अद्भुत है भेष इनका,
जाने ये भेद दिल का,
इनकी निराली आन बान,
करते है भोला कल्याण॥

◾️श्रद्धा के पुष्प चढ़ाकर,
भावो का दीपक जलाकर,
इनको खुश करलो भक्तो,
सेवा की डोर बढाकर,
‘चोखानी’ बन जा चाकर,
इनकी ही लगन लगाकर,
बाबा है डमरू धारी,
कहते इसको त्रिपुरारी,
शर्मा पे भोला मेहरबान,
करते है भोले कल्याण॥

◾️गले में सर्पो की माला,
तन में बाघम्बर छाला,
देवो में देव महान,
बैठे लगा के बाबा ध्यान,
डम डम डमरू बाजे,
हाथो में त्रिशूल साजे,
पिए भोला भंग तान,
करते है जग का कल्याण॥

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