खाइके भांग धतूरे का गोला हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।

Khaike Bhang Dhatoore Ka Gola Ho Jaaye Mast Shiv Shankar Bhola.

खाइके भांग धतूरे का गोला,,
हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।
श्लोक
अरे भस्मी अंग अंग रमाकर,
फिर लिया धूणा लगाय।
भंग के प्याले भर भर गटके,
मस्त मग्न हो जाय॥
खाइके भांग धतूरे का गोला,,
हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।
फिर तो ऐसा करे कमाल,,
भक्तोँ को करदे मालामाल,
भोला गंगा को लाने वाला॥
भोला … खाइके भांग …॥

◾️छेड़ी असुरोँ ने लड़ाई,,
देव सब मुश्किल मेँ पङ गए-हाय-3
सारे दौड़ के गये,,
चरणोँ मेँ शम्भु के पड़ गए-हाय-3
बचाओ हे बाबा भोले,,
जगत के रखवाले,
तेरे बिना तो बचे न हम आज॥१॥
भोला … खाइके भांग …॥

◾️असुर मार गिराये,,
शंकर ने रूप गजब के धर लिए-जय हो-3
मंथन करके सागर का,,
जहर खुद ही पी गए-जय हो-3
कैसे भोले भाले,,
हलाहल पीने वाले,
आये संकट कोई तो पल मेँ ये टाले,
बोले सब देव जै जयकार॥२॥
भोला … खाइके भांग …॥

◾️जान सके ना तेरी माया,,
मुनिजन पच-पच के थक गए-जय हो-3
तेरी भक्ति के ताप से,,
पापी नर भी तर जाए-जय हो-3
हे भोले भण्डारी,,
शम्भु त्रिपुरारी,
‘खेदड़’ भी आया है शरण तुम्हारी,
करो कृपा तो हो जायेँ निहाल॥३॥
भोला … खाइके भांग …॥

◾️खाइके भांग धतूरे का गोला,,
हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।
फिर तो ऐसा करे कमाल,,
भक्तोँ को करदे मालामाल,
भोला गंगा को लाने वाला॥
भोला … खाइके भांग॥

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