अजब है तेरी माया इसे कोई समझ ना पाया।

Ajab Hai Teri Maya Ise Koi Samajh Na Paya.

​ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे, ऊँचा तेरा धाम,
हे कैलाश के वासी भोले, हम करते है तुझे प्रणाम।

अजब है तेरी माया,इसे कोई समझ ना पाया,
गजब का खेल रचाया,सबसे बढ़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥॥

◾️अद्भुत है संसार यहाँ पर कई भूलेखे है,
तरह तरह के खेल जगत मे हमने देखे है,
तू है भाग्य विधाता तेरे लेख सुलेखे है,
तू लिखने वाला है ये सब तेरे लेखे है
अजब है तेरी माया,इसे कोई समझ ना पाया॥॥

◾️पारब्रह्म परमेश्वर तू है हर कोई माने रे,
सब तेरे बालक है क्या अपने बेगान रे,
तू अंतर्यामी सबकी पीडा पहचाने रे,
सबके ही हृदय मे बेठा घट घट की जाने रे,
अजब है तेरी माया,इसे कोई समझ ना पाया॥॥

◾️हे योगेश्वर योग से तुने जगत बनाया है,
तन पे तूने भस्म रमा के अलख जगाया है,
कही धुप के रंग सुनहरे कही पे छाया है,
तूने किया है वही जो तेरे मन को भाया है,
अजब है तेरी माया,इसे कोई समझ ना पाया॥॥

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