ये हैं शंकर भोले, भाले दर्शन करलो जी।दर्शन करलो, झोली भरलो,

Ye Hai Shankar Bhole Bhale Darshan Karlo Ji, Darshan Karlo Jholi Bharlo.

ये हैं शंकर भोले-भाले, दर्शन करलो जी।
दर्शन करलो, झोली भरलो, पर उतरलो जी।
भोला भाला नाम धरा, पर सब जग से न्यारा है।
जटा में गंगा सोहे हैं, मस्तक चन्द उजियारा है।
ये हैं सब जग के रखवाले, दर्शन करलो जी।।1।।
आक धतूरा खाते हैं तन पे रख रमाते हैं।
एक हाथ त्रिशूल लिए दूजे डमरू बजाते हैं।
ये तो पिये भांग के प्याले दर्शन करलो जी।।2।।
नंदी गण असवारी है संग गौरा प्यारी हैं।
सांपो की माला गल में जैसे कोई मदारी है।
इनका पार कोई क्या पाले दर्शन करलो जी।।3।।
नील कंठ भण्डारी का पार कोई नहीं पाया है।
दास ‘चिरंजी’ शिव भोला, तेरी शरण में आया है।
अब तो खोल कर्म के ताले, दर्शन करलो जी।।4।।

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