श्री हनुमान वंदनाVerified 

चरण शरण में आयी के, धरुं तिहारा ध्यान। संकट से रक्षा करो, संकट से रक्षा करो पवन पुत्र हनुमान। दुर्मम काज बनाय के, कीन्हे भक्त निहाल। अब मोरी विनती सुनो, अब मोरी विनती सुनो हे अंजनी के लाल। हाथ जोड़ विनती करूँ, सुनो वीर हनुमान। कष्टों से रक्षा करो, कष्टों से रक्षा करो राम भक्ति

तीन बार भोजन भजन एक बारVerified Lyrics 

तीन बार भोजन भजन एक बार, उसमें भी आते हैं झंझट हजार॥ मन मेरा कहता है गंगा नहा आऊँ, गंगा नहा आऊँ जमुना नहा आऊँ। जाते-जाते रास्ते में चढ़ गया बुखार॥ उसमें भी आते हैं… मन मेरा कहता है मन्दिर हो आऊँ, मंदिर हो आऊँ थोड़ा दर्शन कर आऊँ। जाते-जाते मंदिर के लग गये किवाड़॥

हम आज सभी मिलकर, तेरी रात जगायेंगे।

हम आज सभी मिलकर, तेरी रात जगायेंगे। ओ महावीर सुनलो, तेरी महिमा गायेंगे। तुझसे मिलने को भला, कोई रोकेगा कैसे कदमों से लिपट जाएं, वृक्ष की लता जैसे सपनों में मिले थे तुम, अब सामने पाएँगे। हम आज सभी…. पूरी होगी तृष्णा, प्यासे इन नयनन की। माथे से लगा लेंगे, धूलि तेरे चरणन की। चरणामृत

बैठ अकेला दो घडी, कभी ईश्वर तो ध्याया कर,

बैठ अकेला दो घडी, कभी ईश्वर तो ध्याया कर, मन मंदिर में गाफ़िला, तूं झाड़ू रोज लगाया कर। सोने में तो रेन गंवाई, दिन भर करता पाप रहा मोह माया में फंस कर बन्दे, धोखे में तूँ आप रहा सुबह सवेरे उठ प्रेमिया, सत्संग में नित आया कर मन मंदिर में… बारम्बार जन्म का पाना,

तेरा पल पल बीता जाए, तूँ जपले ॐ नमः शिवाय – २

तेरा पल पल बीता जाए, तूँ जपले ॐ नमः शिवाय – २ शिव शिव तुम हृदय से बोलो, मन मंदिर का परदा खोलो। अवसर खाली ना जाए, तूँ जपले…. यह दुनिया पंछी का मेला, समझो उड़ जाना है अकेला। तेरा तन यह साथ न जाय, तूँ जपले…. मुसाफिरी जब पूरी होगी, चलने की मजबूरी होगी।

सुन ओ अंजनी के लाला, मुझे तेरा एक सहाराverified 

सुन ओ अंजनी के लाला, मुझे तेरा एक सहारा मुझे अपनी शरण में लेलो, में बालक हूँ दुखियारा माथे पर तिलक विशाला, कानों में सूंदर बाला थारे गले राम की माला, ओ लाल लगोटे वाला थारो रुप जगत से न्यारा, लगे है सबसे प्यारा मुझे अपनी शरण में…. प्रभु सालासर के मांही, थारा मंदिर है

गणपति राखो मेरी लाज, पूरन कीजे सारे काज-२

गणपति राखो मेरी लाज-२ पूरन कीजे सारे काज-२ सदा रहे खुशहाल, गणपति लाल, जो प्रथमें तुम्हें मनावे। रिद्धि सिद्धि के दाता, भाग्य विधाता, वो सब तुमसे पा जावे। विनती सुन लियो मेरी आज, पुराण कीजै सारे काज। गणपति रखो मेरी लाज, पूरन कीजै सारे काज। मुर्ख को दे ग्यान, सभा में मान निर्बल भी बल

आज बृज में होरी रे रसिया। होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥

आज बृज में होरी रे रसिया। होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥ अपने अपने महलों से निकली, कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया। कौन गाँव के कुंवर कन्हैया, कौन गाँव राधा गोरी रे रसिया। नन्द गाँव के कुंवर कन्हैया, बरसाने की राधा गोरी रे रसिया। कौन वरण के कुंवर कन्हैया, कौन वरण राधा गोरी रे

तेरे तन पे सिंदूरी चोला तेरे तन पे-२, सिन्दूरी चोला

तेरे तन पे सिंदूरी चोला तेरे तन पे – २ सिन्दूरी चोला के बाबा लगे बड़ा प्यार प्यारा। के मैंने ले लिया तेरा सहारा हो हो…. तेरे सिर पर मुकुट विराजे कानों में कुण्डल साजे। क्या कहूँ छवि तेरी प्यारी, तेरे घट में राम विराजे। तेरी जगमग जोत जले है दर्शन पर पाप कटे है

म्हारे घर आँगन में आ जाइयो, महावीर हनुमान

म्हारे घर आँगन में आ जाइयो, महावीर हनुमान महावीर हनुमान- मैं थारो सेवक हूँ नादान केवड़ा गुलाब सुं स्नान कराऊँगा अंग-अंग थारे म्हैं सिंदूर लगाऊगा लाडू चूरमे गो भोग लगा जइयो – महावीर हनुमान लाल लंगोटो ध्वजा नारियल चढ़ाऊंगा फेर थारे माथे पे तिलक लगाऊंगा म्हारो आके मान बढ़ा जइयो – महावीर हनुमान अजंनी के