या विध गोविन्द भोग लगायो भगत बछल हरि नाम कहायो✓ Lyrics Verified 

Ya Vidh Govind Bhog Lagayo Bhagat Bachhal Hari Naam Kahayo

शास्त्रों के अनुसार भगवान को आरती के बाद भोग लगाया जाता है। आज हम कृष्ण जी का बहुत ही सूंदर भोग लेके आये है। जो निसंदेह आपको गोविन्द जी के साथ भाव से जोड़ देगा और आपको मन में शांति और श्रद्धा का भाव पैदा करेगा तो आएंगे मेरे साथ इस कृष्णा के भोग को बड़े ही भाव के साथ गाते हुए श्री कृष्णा को भोग का प्रसाद लगाते है। जय श्री कृष्णा। जय श्री श्याम।

या विध गोविन्द भोग लगायो
भगत बछल हरि नाम कहायो।

तुमरी विभो प्रभु तुमरे आगे,
हमसे दीनन को कंहा लागे।

ज्यों कर्मा की खीचड़ खाई,
मोहलिए सुर नर मुनि राई।

भगत सुदामा के तंदुल लीन्हें,
कंचन महल अमित सुख दीन्हें।

प्रेम प्रीत कर भोजन किन्हें,
बचे शेष दासन को दीन्हें।

रामानंद भर राखी झारी,
अच्वो श्री अवधेश बिहारी।

या विध गोविन्द भोग लगायो
भगत बछल हरि नाम कहायो।

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