मेरी लगी श्याम संग प्रीत

Meri Lagi Shyam Sang Preet

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

◾️ छवि लगी मन श्याम की जब से -2
भई बावरी मैं तो तब से -2
बाँधी प्रेम की डोर मोहन से -2
नाता तोड़ा मैंने जग से -2
ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

◾️ मोहन की सुन्दर सूरतिया -2
मन में बस गयी मोहनी मूरतिया -2
जब से ओढ़ी शाम चुनरिया -2
लोग कहे मैं भई बावरिया -2
मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

◾️ हर दम अब तो रहूँ मस्तानी -2
लोक लाज दीनी बिसरानी -2
रूप राशि अंग अंग समानी -2
हे रत हे रत रहूँ दीवानी -2
मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

◾️ मोहन ने ऐसी बंसी बजायी -2
सब ने अपनी सुध बिसरायी -2
गोप गोपिया भागी आई -2
लोक लाज कुछ काम न आई -2
फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

◾️ भूल गयी कही आना जाना -2
जग सारा लागे बेगाना -2
अब तो केवल शाम सुहाना -2
रूठ जाये तो उन्हें मनाना -2
अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

◾️ हम प्रेम नगर की बंजारन -2
जप तप और साधन क्या जाने -2
हम शाम के नाम की दीवानी -2
नित नेम के बंधन क्या जाने -2
हम बृज की भोली गंवारनिया -2
ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने -2
ये प्रेम की बाते है उद्धव -2
कोई क्या समझे कोई क्या जाने -2
मेरे और मोहन की बातें -2
या मै जानू या वो जाने -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

◾️ शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन -2
आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं -2
शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए -2
आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है -2
शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति -2
शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं -2
उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े -2
हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है -2
क्या जाने कोई क्या जाने -2
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2

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