मुरली वाले ने घेर लयी

Murali Vaale Ne Gher Layi

मुरली वाले ने घेर लयी, अकेली बनिया गयी।
मै तो गयी थी यमुना तट पे,
कहना खड़ा था री पनघट पे।
बड़ी मुझ को रे देर भई,
अकेली बनिया गयी॥

◾️ श्याम ने मेरी चुनरी झटकी,
सर से मेरे घिर गयी मटकी।
बईया मेरी मरोड़ गयी,
अकेली बनिया गयी॥

◾️ बड़ा नटखट है श्याम सवारिया,
दे दारी मेरी कोरी चुनरिया।
मेरी गगरिया फोड़ दी,
अकेली बनिया गयी॥

◾️ लाख कही पर एक ना मानी,
भरने ना दे वो मोहे पानी।
मारे लाज के मै मर गयी,
अकेली बनिया गयी॥

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