मत कर तू अभिमान रे बंदे

Mat Kar Tu Abhiman Re Bande

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे।
मत कर तू अभिमान॥

◾️ तेरे जैसे लाखों आये,
लाखों इस माटी ने खाए।
रहा ना नाम निशान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान॥

◾️ माया का अन्धकार निराला,
बाहर उजला अन्दर काला।
इस को तू पहचान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान॥

◾️ तेरे पास हैं हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति।
कौन हुआ धनवान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान॥

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *