ऐसी लागी लगन, ऐसी लागी लगन

Aisi Laagi Lagan, Aisi Laagi Lagan

है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे
है शीश जो प्रभु चरण में वंदना किया करे
बेकार वो मच है जो रहे गर्द बातों में
मच वो है जो हरी नाम का सुमिरन किया करे
हीरे मोती से नहीं शोभा है हाथ की
हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे
मर भी अमर नाम है उस जीव का जग में
प्रभु प्रेम में जो बलिदान जीवन किया करे
ऐसी लगी लगन मीरा हो गई मगन
ऐसी लगी लगन मीरा हो गई मगन
वो तो गली गली हरी गुन गाने लगी
महलो में पाली बन के जोगन चली
मीरा रानी दीवानी कहने लगी
ऐसी लगी लगन मीरा हो गयी मगन

◾️ ऐसी लगी लगन मीरा हो गयी मगन
वो तो गली गली हरी गुनगुनाने लगी
महलो में पाली बन के जोगन चली
मीरा रानी दीवानी कहने लगी
ऐसी लगी लगन मीरा हो गयी मगन
कोई रोके नहीं कोई तोके नहीं
मीरा गोविंद गोपाल गन्ने लगी
बैठी संतों के संग
रंगी मोहन के रंग
मीरा प्रेमी प्रीतम को मानाने लगी
वो तो गली गली हरी गुनगुनाने लगी
ऐसी लगी लगन मीरा हो गयी मगन

◾️ महलो में पाली बन के जोगन चली
मीरा रानी दीवानी कहने लगी
ऐसी लगी लगन मीरा हो गयी मगन
राणा ने विष दिया मनो अमृत पिया
मीरा सागर में सरिता सामने लगी
दुखे लाखों सहे मुखसे गोविन्द कहे
मीरा गोविंद गोपाल गन्ने लगी
ऐसी लगी लगन मीरा हो गयी मगन
वो तो गली गली हरी गुनगुनाने लगी
महलो में पाली बन के जोगन चली
मीरा रानी दीवानी कहने लगी
ऐसी लगी लगन मीरा हो गयी मगन

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