आज बृज में होरी रे रसिया। होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥

Aaj Biraj Me Hori Re Rasiya, Hori Re Rasiya, Barjori Re Rasiya.

आज बृज में होरी रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥

अपने अपने महलों से निकली,
कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया।

कौन गाँव के कुंवर कन्हैया,
कौन गाँव राधा गोरी रे रसिया।

नन्द गाँव के कुंवर कन्हैया,
बरसाने की राधा गोरी रे रसिया।

कौन वरण के कुंवर कन्हैया,
कौन वरण राधा गोरी रे रसिया।

श्याम वरण के कुंवर कन्हैया प्यारे,
गौर वरण राधा गोरी रे रसिया।

इत ते आए कुंवर कन्हैया,
उत ते राधा गोरी रे रसिया।

कौन के हाथ कनक पिचकारी,
कौन के हाथ कमोरी रे रसिया।

कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी,
राधा के हाथ कमोरी रे रसिया।

उडत गुलाल लाल भए बादल,
मारत भर भर झोरी रे रसिया।

अबीर गुलाल के बादल छाए,
धूम मचाई रे सब मिल सखिया।

चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
चिर जीवो यह जोड़ी रे रसिया।

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