सुमिरण करले मेरा मना बीती उम्र हरि नाम बिना।✓ Lyrics Verified 

Sumiran Krle Mera Mna Biti Umar Hari Naam Bina.

टेर : सुमिरण करले मेरा मना बीती उम्र हरि नाम बिना।
हस्ती दन्त बिना, पंछि पंख बिना, जिमि राहगीर है पथ बिना।

वैश्या का पुत्र पिता बिन हिना, जिमि प्राणी हो प्राण बिना।।
सुमिरण करले……
धेनु क्षीर नदियाँ नीर बिन, जैसे नारी पुरुष बिना।
जैसे तरवर फल बिन सुना, जिमि धरती रहे मेघ बिना।।
सुमिरण करले……
रैन चंद्र देह नैन बिन जिमि मुर्ख रहे ज्ञान बिन।
नगरी राज बिन राग सज बिन, जैसे ब्राह्मण वेद बिना।।
सुमिरण करले……
काम क्रोध मद लोभ ईषना, छूटे न संतोष बिना।
कह मछन्दर सुन जति गौरख, साथी न कोई राम बिना।।
सुमिरण करले……

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