श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा।Verified lyrics 

Shri Panchmukhi Hanuman, Birad Ka Banka, Shabd Ka Sancha.

श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा।
जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।।

हाआ क्या सागर का गर्व करे ज्यान, कर ज्याऊँ फंका।
भला हो रामा। कर ज्याऊँ फंका।
म्हारे धणी का हुकम नहीं थारी, ले ज्यातो लंका।।
ऐजी श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा।
जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।।

हाआ सागर ऊपर शिला तिरायी, करया बहुत हंका।
भला हो रामा। करया बहुत हंका।
मंदोदरी का महल उजाड़्या, मद् मारया रावण का।।
ऐजी श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा।
जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।।

हाआ राम-लक्ष्मण की जोत विराजे, तुम अगवानी हर का।
हो भला हो रामा।तुम अगवानी हर का।
मायारूपी जोत स्वरूपी, नाम बड़ा हनुमत का।।
ऐजी श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा।
जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।।

होओ धन-धन थारीजो भगती करे ज्याने, दर्शन पावे नित का।
हो भला हो रामा। दर्शन पावे नित का।
सबके ह्रदय आप विराजे, दुख मेटे जन-जन का।।
ऐजी श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा।
जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।।

हाआ रामानन्द बिरामण गावे, शहर कोजपुर का।
हो भला हो रामा। शहर कोजपुर का।
जिनके ऊपर कृपा किनी, चाकर चरणन का।।
ऐजी श्री पंचमुखी हनुमान, बिरद के बंका, शब्द के सांचा।
जहाँ आप खड़े महाराज, असुर दल काँपा।।

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