भरत म्हारे कपि जी से अंतर नाहीं,Verified lyrics 

Bharat Mhare Kapi Ji Se Ander Nahi

भरत म्हारे कपि जी से अंतर नाहीं, तु मत जिम भलई भरत म्हारे,
कपि जी से अंतर नाहीं।

जुठेड़ो जीमे अछूतो जिमावे, हाथ धोवे सरयू माइ,
हनुमत म्हारे प्राणा से प्यारों, तु मात जिम भलई।

१००(सौ) योजन मर्याद समुद्र की, कूद गयो पल माइ,
लंका जाये सिया सुधी ल्यायो, गर्ब(घमंड) नहीं मन माइ।

शक्तिबाण लग्यो लक्ष्मण के, पड़यो है धरन मुरछाई,
जाये द्रोणगिरी ल्यायो सर्जीवन, सुत्योड़ो वीर जगाई।

अहिरावण पाताल में लेय गयो, बली देवी के ताईं,
जे नहीं होतो हनुमत जोधो, कुण ल्यातो दल माई।

आज्ञा भंग कबहुँ ना किन्ही, जहाँ भेज्यो तहाँ जाईं,
तुलसीदास भक्त की या महिमा, आप श्री मुख गाई।

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