दरबार तेरा निराला तू है अंजनी का लाला।

Darbar Tera Nirala Tu Hai Anjani Ka Lala,

दरबार तेरा निराला तुम्हें अंजनी का लाला।
अंजनी का लाला तू है अंजनी का लाला।।
तूँ है निराला तेरी महिमा निराली।
दर पर जो आए कोई बन के सवाली।।
उसके संकट को तूने टाला।।1।।
मंदिर निराले तेरे सेवक निराले।
मन में करे है तू ही सबके उजाले।।
हमने तो तेरे दर पर डेरा डाला ।।2।।
लाली सिंदूर की है जग में निराली।
सीने में राम जी झांकी निराली।।
कानों में सोने की बाला ।।3।।
लाल लंगोटा कर में घोटा निराला।
कांधे जनेऊ गले में मोती की माला।।
हाथ में कंगन विशाला।।4।।
सेवक श्री राम का तू है निराला।
दुष्टों से तेरा पड़ता रहता है पाला।।
दुष्टों मुखड़ा करते काला।।5।।
सेवक ‘चिरंजी’ लाल तेरा निराला।
तेरे चरणों में इसका मंदिर शिवाला।।
हरदम फिराये तेरी माला।।6।।

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