तेरे तन पे सिंदूरी चोला तेरे तन पे-२, सिन्दूरी चोला

Tere Tan Pe Sinduri Chola Tere Tan Pe-2 Sinduri Chola

तेरे तन पे सिंदूरी चोला तेरे तन पे – २
सिन्दूरी चोला के बाबा लगे बड़ा प्यार प्यारा।
के मैंने ले लिया तेरा सहारा हो हो….
तेरे सिर पर मुकुट विराजे कानों में कुण्डल साजे।
क्या कहूँ छवि तेरी प्यारी, तेरे घट में राम विराजे।
तेरी जगमग जोत जले है दर्शन पर पाप कटे है
गले में पुष्पों की माला, मुनियों के मन को ठगे हैं।
सारे जग में है धाक तुम्हारी मेरा अब संकट हर दो,
मेरा यह जीवन सुखमय कर दो।
तेरे तन पे सिन्दूरी….
लंका में जाकर तुमने, माता का पता लगाया
लक्ष्मण के शक्ति लागी, संजीवन बूटी लाया
अक्षय कुमार को मारा, और कालनेमि संहारा
रावण के तहखाने से तुमने शनि देव उबारा
तुमने राम जी के कर्ज सरे मेरा मन तेरा मतवाला
तुम ही मेरे जीवन का उजियारा हो हो।
तेरे तन पे सिंदूरी….
तेरे चरणों में आकर के, ना मांगू जग की माया
मांगू तो इतना मांगू तेरे वरद हस्त का साया
ओ सारे जग के माली, भक्तो की तू रखवाली
मैंने ये सुन रखा है भरते हो झोली खाली
तेरे दर पर मुरादें मिलती यह सुन के मैं भी चला आया
मेरे दुखों का करो सफाया हो हो।
तेरे तन पे सिंदूरी….
जब जब भी तेरे दर पे भक्तों ने तुझे पुकारा
भक्तों की लाज बचाई और पल में दिया सहारा
तू बाबा घट-घट वासी सब भक्तों की सुख रासी
बिगड़ी को सवारों पल में लगाओ न देर जरा सी
सालासर मंदिर तेरा की मेहंदीपुर घर है तेरा।
तेरा के बाबा में भी बालक तेरा।
तेरे तन पे सिंदूरी….

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