जय जय बाला दीनदयाला तेरे बिना कोई और नहीं।

Jai Jai Bala Deendayala Tere Bina Koi Aur Nhi.

जय जय बाला दीनदयाला तेरे बिना कोई और नहीं।
तेरे दर पर आने गिरे हैं जग में मुझको छोड़ नहीं।
मेरे तन मन बालाजी तेरे चरणों पर बलिहारी हैं।
मैंने अर्जी पेश करी अब आकर मर्जी थारी है।
दया करो हे बजरंग बाला जग पे मेरा जोर नहीं।।1।।
ना जानू मैं सेवा पूजा भक्ति भाव ना जानू रे।
मैं तो अपने दुःखों का साथी बाला जी को मानू रे।
चारों और अंधेरा तुम बिन कहीं लगता भोर नहीं।।2।।
बहुत दिनों से आस लगी है फिर भी क्यों नहीं आते हो।
पाप कर्म करता मैं निशदिन इसलिए कतराते हो।
सत्य भावना से आया हूँ मन में कोई चोर नहीं।।3।।
रामचंद्र के पायक तुम और मैं तेरा मतवारा हूँ।
दास तुम्हारा कहे तुम मेरे और मैं तुम्हारा हूँ।
तुम बिन इन काली रातों का पा सकता मैं छोर नहीं।।4।।

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