हर मन के संकट हरता ये संकट मोचन दाता ।।

Har Man Ke Sankat Harata Ye Sankat Mochan Daata.

हर मन के संकट हरता,
ये संकट मोचन दाता,
अरे निज भक्तो के जीवन में,
ये दया का रस बरसाता।।

◾️मंगल के दिन मंगलमय है,
इस मालिक की पूजा,
ऐसा दिन दयालु जग में,
और नहीं कोई दूजा,
इसका चिंतन पल भर में,
जनम जनम के मैल धुलाता,
हर मन कें संकट हरता,
ये संकट मोचन दाता,
अरे निज भक्तो के जीवन में,
ये दया का रस बरसाता।।

◾️इसके चरणों में निश्चय से,
जो भी टेके माथा,
भुतो प्रेतों वाला भय है,
उसको छू नहीं पाता,
फेरे जो इसके नाम की माला,
निर्भय है हो जाता,
हर मन कें संकट हरता,
ये संकट मोचन दाता,
अरे निज भक्तो के जीवन में,
ये दया का रस बरसाता।।

◾️निष्ठा लगन से सच्चे मन से,
जो भी इसे पुकारे,
अंजनी लाला ये हनुमंता,
उसके कष्ट निवारे,
हर कोई इसके ही दर से,
मन चाहा फल पाता,
हर मन कें संकट हरता,
ये संकट मोचन दाता,
अरे निज भक्तो के जीवन में,
ये दया का रस बरसाता।।

◾️हर मन के संकट हरता,
ये संकट मोचन दाता,
अरे निज भक्तो के जीवन में,
ये दया का रस बरसाता।।

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