ल्यादे ल्यादे रे अंजनी माई का लाल✓ Lyrics Verified 

Lyade Lyade Re Anjani Mai Ka Lal.

टेर : ल्यादे ल्यादे रे अंजनी माई का लाल,
लछमन खातर सरजीवन जड़ी।

द्रोणाचल पर वेद बताई सरजीवन की बेल
और किसी की ताकत कोणी थारो होसी खेल
भाई लछमन का बिगड़ गया हाल म्हारे सिरपे संकट की घड़ी।
ल्यादे ल्यादे रे……
पहले वन में नारी खोई फिर खो दीन्हा भ्रात
क्या कृ में हनुमंत प्यारा दिन में हो गई रात
जाणे सिघ रे चूक गया बाण भंवर बिच नैया पड़ी।
ल्यादे ल्यादे रे……
अवधपुरी में कैसे जाऊ थर थर कांपे गात
कहां छोड़ा तेरा लछमन भ्राता ये पूछेगी मात
कैसे कैसे रे बताऊ सारा हाल माता पूछ खड़ी रे खड़ी।
ल्यादे ल्यादे रे……
राम वचन सुन चले पवन सूत प्रभु को शीश निवाकर
द्रोणाचल पर माया रचदी लंका पति में जाकर
बूटी मिली न उठी है मन में झाल पर्वत लियो जाणे हाथ में दड़ी।
ल्यादे ल्यादे रे……
पर्वत लेकर आयो अवध पर भरत चलायो तीर
बाण लग्यो तो मुख से निकल्यो सहाय करो रघुवीर
भाई भरत ने पूछ लिया हाल नैणा लागी नीर की झड़ी।
ल्यादे ल्यादे रे……
बूटी लाकर हनुमंत दीन्हीं लछमन चेत करयो
श्रीरामजी राजी होया सारो काम सरयो
बाबो बजरंग हो जावे प्रतिपाल विपदा झांके दूर से खड़ी।
ल्यादे ल्यादे रे……

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