थारो राम बिलखै थारी बाट निरखै

Tharo Ram Bilakhai Thari Baat Nirakhai.

थारो राम बिलखै थारी बाट निरखै
भाई लाडलो जमीन ऊपर सोय रयो
बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो

◾️नाही कोई दिन देख्यो, देखि नाही रात नै
बन बन सागे डोल्यो, आंधी बरसात में
म्हारे कालजे रो कोर सुध खोय रयो
बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो

◾️रघुकुल री आन ताईं, लड़यो मेघनाथ स्यूं
जुल्मी ने शक्ति मारी, धोके और घात
रात बीत्यो जावै,इब तो भोर होय रयो
बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो

◾️थारे सिवा बाला किनै दुःखड़ो सुनाऊ मैं
दुनियां ने हर्ष कैयां मुखड़ो दिखाओ मैं
म्हारी लाज थारे हाथां माहि सौप रयो
बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो

◾️थारो राम बिलखै, थारी बाट निरखै
भाई लाडलो जमीन ऊपर सोय रयो
बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो

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