घोटे वाले मुझे बुला ले, कर अर्जी मंजूर दिखा दे रूप तेरा

Ghote Wale Mujhe Bula Le, Kar Arji Manjur Dikha De Roop Tera.

घोटे वाले मुझे बुला ले, कर अर्जी मंजूर दिखा दे रूप तेरा।।टेर।।
सालासर में धाम तेरा, अजब निराली माया है।
सुन्दर रूप अनूप तेरा, भक्तों को मन भाया है।
भक्त गण आते भोग लगते, भीड़ रहे भरपुर।।
दिखा दे रूप…
अंग में चोला चाँदी का, गल में बैजंती माला है।
मुकुट विराजे सोने का, लाल लंगोटे वाला है।
गदा हाथ में वीर साथ में, चम-चम चमके नूर।।
दिखा दे रूप…
बचपन खोया खेलन में, जवानी में किया ध्यान नहीं।
आन बुढ़ापा घेर लिया, भजन भाव का ज्ञान नहीं।
में खल कामी, तूँ अंतर्यामी कर दे अवगुण दूर।।
दिखा दे रूप…
दुनिया रंग बिरंगी है, मिलता कोई मीत नहीं।
पैसे के सब संगी है, दुनिया की है रीत यही।
जुटी सारी दुनिया देखी, झूठा करे गुरुर।।
दिखा दे रूप…
ठोकर खायी दर-दर की, आखिर पता तेरा पाया।
दया हो गई रघुवर की, भजन बना ‘मस्त मंडल’ आया।
अन्तर्यामी सबका स्वामी, भरो ज्ञान भरपूर।।
दिखा दे रूप…

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