तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी

Tum Jo Kripa Karo To Meet Jaaye Vipada Saari

1. तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥
तुम हो दया के सागर क्या बात है तुम्हारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥

2. विघ्नौ को हरने वाले सुख शांति देने वाले,
मोह पाश काटते हो तुम भक्ति देने वाले,
तुमने रचाई सॄष्टि तुम ने ही है सवारा,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥

3. तुम पहले पूजे जाते फ़िर काम बनते जाते,
आये शरण तिहारि मन चाहा फल है पाते,
मुझको गले लगाले आया शरण तिहारि,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥

4. लम्बे उदर मे तुमने संसार है छिपाया,
सतगुण से है भरी हुई गणराज तेरी काया,
दुर्गुण पे सतगुणो सी ये मुस की सवारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥

तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी,
ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥

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