गणपति को प्रथम मनाने की, देवों ने रीत चलाई है।

Ganpati Ko Partham Mnane Ki, Devo Ne Reet Chlai Hai.

गणपति को प्रथम मनाने की,
देवों ने रीत चलाई है।
तीनों लोको में छोटे-बड़े,
सब करते इनकी बड़ाई है।।
जो काम सभी करते आये,
हमको भी वही दोहराना है।
गणपति को प्रथम मनाना है….
कोई घृत सिंदूर चढ़ाते हैं,
कोई लड्डूवन भोग लगते हैँ।।
कोई मेवा थाल सजाते है,
कोई छ्प्पन भोग बनाते है।।
जिस भोग से खुश होते गणपति
हमको भी वही लगाना है।
गणपति को प्रथम मनाना है….
उत्सव में सभी पधारे है,
बस इनका आना बाकी है।
“भक्तों” मंगलाचार करो,
इन्होंने आने की हाँ की है।।
गणपति का नाच बड़ा प्यारा है,
उत्सव में आज नाचना है।
गणपति को प्रथम मानना है…

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