ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले

O Sansaar Banaane Vaale, Tere Jalave Ajab Niraale

ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले
खूब कमाल किया है तूने सब को अचरज में है डाले
ओ संसार बनाने वाले………

आसमान पर पानी का कहीं मिलता निशां नहीं, मिलता निशान नहीं है,
पल में तेरी माया बदले फिर अनुमान नहीं है, फिर अनुमान नहीं है,
आए बादल काले –पीले, उमड़ –घुमड़ कर वो मतवाले,
लगा बरसने मूसलाधार, थल पर जल के बह जाए नाले……
ओ संसार बनाने वाले…………

आप बना सागर का पानी, बादल बन कर छाया –2
लगा पिघलने फिर सागर पर, सीप ने था मुँह बाया –2
पी के बूँद वो मोती ढ़ाले चमक दमक में बड़े हदवाले
हार बनाते जिनके जोहरी, उसको पहने लक्की लाले
ओ संसार बनाने वाले…………

बड़ा जिस्म हाथी को दिया पर दी क्यूँ छोटी आँखे –2
हिरन बनाया एक छोटा सा जिसकी मोटी आँखे –2
कोयल काली, कौए काले, किसके बच्चे किसने पाले
कैसा भेद रचाया तुमने, ताकत किस में भेद निराले
ओ संसार बनाने वाले………

बाग लगाए, फूल खिलाए, महक रही फुलवारी
सूरज चांद सितारे खिलाए, ज्योति झलाझल झारी
हरे-भरे जंगल हरियाले, रचे समुंदर पहाड़ विशाले
रची जमीन, बसाई दुनिया तूने काम तमाम संभाले
ओ संसार बनाने वाले…………

लख चौरासी जीव रचाए, मानव बड़ा बनाया
कर्मों के अनुसार भाग्य का चक्कर खूब चलाया
कोई राज खजाना पाले कोई भूखा जान गंवा ले
ओ प्रभु मतवाले प्यारे, सारे जग को नाच नचा ले
ओ संसार बनाने वाले…………

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