गणपति राखो मेरी लाज, पूरन कीजे सारे काज-२

Ganapati Rakho Meri Laaj, Puran Kije Saare Kaaj -2

गणपति राखो मेरी लाज-२
पूरन कीजे सारे काज-२
सदा रहे खुशहाल, गणपति लाल, जो प्रथमें तुम्हें मनावे।
रिद्धि सिद्धि के दाता, भाग्य विधाता, वो सब तुमसे पा जावे।
विनती सुन लियो मेरी आज, पुराण कीजै सारे काज।
गणपति रखो मेरी लाज, पूरन कीजै सारे काज।
मुर्ख को दे ग्यान, सभा में मान
निर्बल भी बल साली -२
गौरी के सूत प्यारे, जगत में न्यारे
है तेरी शान, निराली -२
तीनो लोक तुम्हारा राज
गणपति राखो मेरी लाज
पूरन कीजे मेरे काज
गणपति राखो मेरी लाज।।
जिसके सिर पर हो हाथ तेरा, नाथ तो उसको कैसा डर है।
जपे जो तेरा नाम सुबह और शाम तो उसका नाम अमर है।
सब देवों के तू सरताज, गणपति राखो मेरी लाज।
पुराण कीजे सरे काज, गणपति राखो मेरी लाज।।

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