मन की मुरादे पूरी कर माँ दर्शन करने को मैं तो आउंगी।

Man Ki Muraade Puri Kar Maa Darshan Karne Ko Main To Aaungi.

मन की मुरादे पूरी कर माँ,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
तेरा दीदार होगा, मेरा उधार होगा,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी।।

◾️तू है दाती दान देदे,
मुझको अपना जान कर,
भर दे मेरी झोली खाली,
दाग लगे ना तेरी शान पर,
सवा रुपैया और नारीयल,
मैं तेरी भेंट चढ़ाउंगी,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
तेरा दीदार होगा, मेरा उधार होगा,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी।।

◾️छोटी छोटी कन्याओं को,
भोग लगाऊं भक्ति भाव से,
तेरा जगराता कराऊं,
मैं तो माँ बड़े चाव से,
लाल ध्वजा लेकर के माता,
तेरे भवन पे लहराउंगी,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
तेरा दीदार होगा,
मेरा उधार होगा,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी।।

◾️महिमा तेरी बड़ी निराली,
पार ना कोई पाया है,
मैंने सुना है ब्रह्मा विष्णु,
शिव ने तेरा गुण गाया है,
मेरी औकात क्या है,
तेरी माँ बात क्या है,
कैसे तुझ कोभुलाउंगी,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
तेरा दीदार होगा, मेरा उधार होगा,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी।।

◾️लाल चोला लाल चुनरी,
लाल तेरे लाल है,
तेरी जिस पर हो दया माँ,
वो तो माला माल है,
‘श्यामसुंदर’ और ‘लख्खा’ बालक है तेरे,
उनको भी संग मैं लाउंगी,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
तेरा दीदार होगा, मेरा उधार होगा,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी।।

मन की मुरादे पूरी कर माँ,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी,
तेरा दीदार होगा, मेरा उधार होगा,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी,
हलवे का भोग मैं लगाउंगी।।

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