करुणामयी वरदायनी माँ सरस्वती।

Karunamai Varadaayani Maa Sarasvati.

करुणामयी वरदायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

◾️सा सा सात स्वर में निवास है,
रे र में धरा आकाश है,
गा गा गाए गुण गंधर्व गण,
मा माँ है लोभ निवारणी,
ओ माँ सरस्वती, माँ सरस्वती,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

करुणा मयी वर दायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

◾️पा पवित्र पावन पावनी,
ध ध धवल वस्त्र सुशोभिनी,
नी नमन करे ऋषि देव मिल,
गुणी जन की हो हितकारिणी,
माँ सरस्वती,ओ माँ सरस्वती,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

करुणा मयी वर दायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

◾️माँ सुर ताल मेरा सवार दो,
अब ‘सरल’ का कर उद्धार दो,
‘लख्खा’ की वाणी में माँ बसों,
हे शारदे हंस वाहनी,
ओ माँ सरस्वती, माँ सरस्वती,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

करुणामयी वरदायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

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