मेहंदी रची थारे हाथा में।

Mehandi Rachi Thaare Haatha Mein.

मेंहदी रची थारे हाथा मे,
उड रहयो काजल आंख्या मे,
चुनडी रो रंग सुरंग म्हारी आमज माँ।।

◾️अरे चांद उग्यो ओ राता मे,
फूल उग्यो रण बागा मे,
अरे चांद उग्यो ओ राता मे,
फूल उग्यो रण बागा मे,
थारो ऐसो सुहाणौ रूप म्हारी दुर्गा माँ
मेंहदी रची थारे हाथा मे,,,,,औहौ।

◾️अरे रूप सुहाणौ जद सु दैख्यौ
निंदडली नहीं आंख्या ने,
भूल गई सब कामा ने ,, औहौ
याद करूं थारे नामा ने
माया रो छुटो संग म्हारी आमज माँ
मेंहदी रची थारे हाथा मे,,,,,औहौ।

◾️विचेडी नगरी माता आप वीराजौ,
कारज सारो माँ कारज सारो,
औ थारा दर्शन करबा,
औ थारा दर्शन करबा,
आवे या दुनिया सारी औ माँ,,,,,,
जय हो थारी मैया,, जय हो थारी मैया,
जय हो थारी मैया,, जय हो थारी मैया,
जय हो थारी मैया,, जय हो थारी मैया।

◾️थे कहो तो माता मैं तो नथणि बन जाऊं,
नथणि बन जाऊं, थारा मुखड़ा पे रम जाऊं,
बोर गूथउ थारे माथा पे,
चुड़लो मँगाओ थारे हाथा में,
बण जाऊँ बाजूबंद म्हारी आमज माँ।।

◾️थे कहो तो माता मैं तो पायलड़ी बन जाऊं,
पायलड़ी बन जाऊं, थारा चरणा में रम जाऊं,
फूल बिछउ थारा पावा में,
नित नित दर्शन आवा मैं,
नैणा में करलु बंद म्हारी आमज माँ।।

मेंहदी रची थारे हाथा मे,
उड रहयो काजल आंख्या मे,
चुनडी रो रंग सुरंग म्हारी अम्बे माँ।।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *